RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले-कोई कितना भी बड़ा विरोधी हो, गांधी को नकार नहीं सकता

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने महात्मा गांधी की तारीफ की है. उन्होंने सोमवार को कहा कि गांधीजी की प्रासंगिकता तो रहती ही है. उनके विचारों को जानना पड़ेगा. आज उनके विचार का कार्बन कॉपी तो नहीं किया जा सकता, लेकिन उनके विचार समझने और अपने कामों में रचाने बसाने की जरूरत है. मोहन भागवत ने कहा कि गांधी जी भारत की आवाज थे. वह भारतीय दृष्टि के जीते जागते उदाहरण थे. गांधी जी की सत्यनिष्ठा अविवादित है. कोई कितना भी विरोधी हो, वो उन्हें नकार नहीं सकता है.


गांधी को हिंदू होने की कभी लज्जा नहीं हुई: भागवत


संघ प्रमुख मोहन भागवत ने ये बात जे.एस. राजपूत की पुस्तक "गांधी को समझने का यही समय" के विमोचन के अवसर पर कही. मोहन भागवत ने कहा, गांधी को अपने हिंदू होने की कभी लज्जा नहीं हुई. उन्होंने कई बार कहा कि मैं पक्का सनातनी हूं. सभी अपने अपने धर्म को मानो और शांति से रहो यही वो कहते थे. शुरू के दिनों में वो तकनीकी के विरोधी थे लेकिन बाद में उसमें परिवर्तन कर लिया. 1920 में डॉ. हेडगवार ने कहा था कि गांधीजी के जीवन का अनुसरण करना चाहिए, सिर्फ स्मरण नहीं