समुद्र के रास्ते से आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए पेनिन्सुला कमांड, जम्मू और कश्मीर के लिए अलग कमांड और चीन पर फोकस रखने वाली खास कमांड, ये सब ज्वॉइंट या थिएटर कमांड के ब्लू प्रिंट का हिस्सा है. इसका अध्ययन चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत कर रहे हैं.
सेना के लिए ज्वॉइंट या थिएटर कमांड साल 2022 तक जम्मू और कश्मीर के अलग सेक्टर के साथ काम करना शुरू कर देगी. सीडीएस जनरल रावत ने सोमवार को बताया कि इस पर विचार किया जा रहा है. समुद्र के रास्ते चुनौतियों से निपटने वाली पेनिन्सुला कमांड नौसेना के तहत काम करना शुरू कर देगी, इसके अध्ययन के लिए निर्देश 31 मार्च तक आने की उम्मीद है.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल रावत ने कहा, “अध्ययन 3-4 महीने में पूरा हो जाना चाहिए. अगले साल के आखिर तक एक नेवल कमांडर के तहत कमांड काम करना शुरू कर देगी.” सीडीएस रावत ने कहा, “साल के आखिर तक थिएटराइजेशन या ज्वॉइंट कमांड का अध्ययन अपनी जगह होगा. अध्ययन 3 महीने तक पूरी हो जाएगा. 2022 तक थिएटर कमांड रोल आउट हो जाएंगी. थिएटर कमांड की संख्या 2,4 या 5 हो सकती हैं.”
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चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पर सेना, नौसेना और वायुसेना से मिलकर साझा कमांड बनाने का जिम्मा है. ऐसी दो कमांड पहले से ही सक्रिय हैं. अभी 19 कमांड हैं, जिनमें से सिर्फ दो ही ऐसी हैं जो ट्राई-सर्विस कमांड हैं. इनके नाम हैं अंडमान और निकोबार कमांड और स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड. न्यूक्लियर संसाधनों की जिम्मेदारी स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड के पास ही मौजूद है.
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